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अन्तर्राष्ट्रीय

फ्रांस को उम्मीद, समलैंगिक राजदूत को मंजूर करेगा वेटिकन

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पेरिस | वेटिकन में फ्रांस के राजदूत के रूप में लॉरेंट स्टेफनिनी की नियुक्ति के तीन महीने बाद भी फ्रांस के अधिकारी रोम की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह विलंब राजदूत के समलैंगिक होने के लेकर हो रहा है। राजनयिक अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एफे को यह जानकारी दी। फ्रेंच अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा, “स्टेफानिनी को राजदूत नियुक्त किया गया है, क्योंकि वह एक बेहतरीन राजनयिक हैं और इस पद के लिए उनके पास सभी योग्यताएं हैं। अपने अनुरोध का जवाब मिलने की हमें उम्मीद है।”

समाचार पत्र ले मोंडे के मुताबिक वेटिकन में फ्रांस के पूर्व राजदूत ब्रूनो जूबर्ट की मार्च की शुरुआत में स्वदेश वापसी के बाद से ही यह पद रिक्त है। ले मोंडे ने कहा, “स्टेफानिनी रोम को अच्छी तरह से जानते हैं। वर्तमान में एलिसी में प्रोटोकॉल चीफ स्टेफानिनी साल 2001-05 के बीच दूतावास में दूसरे सबसे वरिष्ठ राजनयिक के तौर पर काम कर चुके हैं।” वेटिकन ने नियुक्ति की मंजूरी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन यह पहले से ही ज्ञात है कि उनकी नियुक्ति को वेटिकन द्वारा मंजूर करने की संभावना न करने के बराबर है, भले ही पेरिस के आर्कविशप ने इसका समर्थन किया है।

इटली के अधिकारियों ने ली पेरिसियन समाचार पत्र से कहा कि मंजूरी के लिए तीन महीने का समय असामान्य है और इस तरह की प्रक्रिया में छह सप्ताह से ज्यादा समय नहीं लगता। ली पेरिसियन ने कहा, “पारंपरिक तौर पर, वेटिकन आपत्ति दर्ज नहीं करता है। न जवाब देता है और न ही व्याख्या करता है। उसके रुख से नियुक्ति करने वाले देश को जवाब का अंदाजा लगा लेना चाहिए।”

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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