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प्रादेशिक

करवा चौथ के दिन पति ने की हैवानियत की हद पार, पत्नी की जीभ काटी

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प्रतीकात्मक तस्वीर

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पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक विचलित कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां करवा चौथ के दिन एक पति ने अपनी पत्नी की जफ काट दी। घटना मुजफ्फरपुर के सकरा थाना के सरैया गांव की है।

पीड़िता की हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद गांव के लोगों ने आरोपी पति को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है। आरोपी का नाम मो. शकील है।

शकील के इस करतूत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने उसे बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक, आरोपी की दो पत्नियां हैं।

दो सौतन के बीच झगड़े से गुस्साए पति ने अपनी दूसरी पत्नी की जीभ ब्लेड से काट दी। 22 वर्षीय पीड़िता मीना खातून को गंभीर हालत में सकरा रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां प्रारंभिक उपचार कर उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया।

एसकेएमसीएच के सर्जरी विभाग के डॉ. अमलेंदु ने बताया कि महिला की जीभ में गंभीर जख्म है, शरीर से खून ज्यादा निकल गया है, हालत नाजुक है।

इस मामले में पीड़िता की मां सकरा फरीदपुर निवासी आयशा खातून ने दामाद व बेटी की सौतन पर एफआईआर दर्ज कराई है. थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।

उत्तर प्रदेश

अयोध्या के मठ-मंदिरों को संवारने में तेजी से जुटा पर्यटन विभाग

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अयोध्या‌। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा को पर्यटन की नजर से सजाया जा रहा है। अब पर्यटन विभाग 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित करीब 6 धार्मिक स्‍थलों का पर्यटन स्‍थल के रूप में विस्‍तार करा रहा है। अयोध्‍या परिक्षेत्र के उपनिदेशक पर्यटन आरपी यादव ने बताया कि इसके लिए भेजे गए इस्‍टीमेट को शासन ने स्‍वीकृत कर 20.64 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इसी बजट से कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत ऋषियों-मुनियों की तपस्‍थलियों और धार्मिक स्‍थलों श्रवण कुमार आश्रम, आस्तिक आश्रम, ऋषि च्यवन आश्रम, मेधा ऋषि आश्रम, श्री बन्धू बाबा आश्रम, महर्षि बामदेव आश्रम जैसे 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी संख्‍या में धार्मिक स्‍थल का पुनरोद्धार किया जा रहा है।

पर्यटन विभाग की ओर से 6 स्थलों पर विश्राम गृह, पानी-बिजली, सड़क, खान पान कि दुकानें, स्तंभ, प्रवेश द्वार, साइनेजेस, सीटिंग इंटरप्रिटेशन वाॅल, शौचालय और यात्रियों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध करवा कर इन्‍हें धार्मिक पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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