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नेशनल

जब पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को महाबलीपुरम के प्राचीन इतिहास के बारे में बताया…

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नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे जहां चेन्नई एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ। एयरपोर्ट से चीनी राष्ट्रपति सीधा महाबलीपुरम के लिए रवाना हो गए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिनपिंग का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

पीएम मोदी ने चेन्नई से लगभग 60 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध मूर्तिकला शहर महाबलीपुरम में तीन महत्वपूर्ण स्मारकों की वास्तुकला और महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

इस दौरान मोदी पारंपरिक तमिल परिधान ‘विष्टी’ (सफेद धोती), आधी बांह की सफेद कमीज के साथ ही अंगवस्त्रम (अंगोछा) कंधे पर रखे नजर आए।

मोदी ने दूसरे अनौपचारिक भारत-चीन शिखर सम्मेलन के लिए महाबलीपुरम पहुंचे शी का स्वागत किया। इस दौरान शी सफेद कमीज और काली पतलून पहने हुए थे।

मोदी अर्जुन के तपस्या स्थल के पास शी से मिले और उन्हें चट्टान काटकर बनाए गए भव्य मंदिर के अंदर ले गए। मंदिर में प्रवेश करने के बाद मोदी चीनी नेता को यहां की नक्काशी और पारंपरिक सभ्यता व संस्कृति के बारे में बताते हुए देखे गए।

फिर दोनों नेता अर्जुन की तपस्या मूर्तिकला के पास गए। मोदी एक पेशेवर गाइड की तरह शी को विशाल चट्टान पर उकेरी गई विभिन्न छवियों को बताते हुए देखे गए। शी भी मोदी को बड़ी उत्सुकता से सुन रहे थे।

महाबलीपुरम के शानदार स्मारकों में से एक अर्जुन के तपस्या स्थल पर एक बड़े शिलाखंड पर आकृतियां उकेरी गई हैं। यहां एक तपस्वी को अपने बाएं पैर पर खड़े होकर तपस्या करते दिखाया गया है, वहीं हिंदू देवताओं को भी दिखाया गया है। देवताओं के अलावा यहां ऋषियों, जानवरों और अन्य पारंपरिक चित्र उकेरे गए हैं।

तपस्वी के दाहिनी ओर भगवान शिव की छवि भी उकेरी गई है। कहा जाता है कि महाभारत के नायक अर्जुन ने भगवान शिव से दिव्य पशुपतास्त्र (शस्त्र) प्राप्त करने के लिए यहां तपस्या की थी।

इसके साथ ही मोदी और शी ने कृष्ण की बटर बॉल की सैर की। यहां से दोनों नेताओं ने एक ही कार में बैठकर पांच रथों तक पहुंचने के लिए कुछ दूरी तय की।

पांच रथ (पंचरथ) ठोस चट्टानों का एक समूह है। यह पांच रथ मुक्त रूप से खड़े अखंड मंदिर के रूप में हैं, जिन्हें महाभारत के पांच पांडव भाई युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव के साथ उनकी पत्नी द्रौपदी से जोड़ा गया है।

कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने इसका निर्माण कराया था। इस पंचरथ को अद्भुत वास्तुकला के लिए अपूर्व माना जाता है।

इसके बाद दोनों नेताओं ने बातचीत करने के लिए एक जगह पर बैठने का फैसला लिया। उन्होंने यहां नारियल पानी भी पीया। मोदी को एक करीबी परिवार के सदस्य या मित्र की तरह शी को पेपर नैपकिन सौंपते हुए देखा गया।

स्थानीय आबादी के अनुसार, दिसंबर 2004 में आई सुनामी के दौरान चट्टानों से बनीं कई मूर्तियां उजागर हुई थीं। कहा जाता है कि शोर मंदिर सात मंदिरों या सात पैगोडा का हिस्सा है और उनमें से छह समुद्र के नीचे डूबे हुए थे।

मोदी और शी ने इसके बाद शोर मंदिर के पास कलाक्षेत्र फाउंडेशन के छात्रों द्वारा आयोजित किए गए नृत्य कार्यक्रम का आनंद लिया। एक अधिकारी ने कहा, बाद में वे एक साथ भोजन करेंगे और तमिल व्यंजनों का स्वाद चखेंगे।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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