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नेशनल

रैनबैक्सी ने पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह गिरफ्तार, धोखाधड़ी का लगा आरोप

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नई दिल्ली। दवा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह व अन्य लोगों को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।

डीसीपी वर्षा शर्मा की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक शिविंदर की गिरफ्तारी 740 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित मामले में की गई है। 27 मार्च 2019 को शिविंदर सहित कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शिविंदर के अतिरिक्त सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को गिरफ्तार किया है।

दरअसल, रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के मनप्रीत सिंह सूरी ने रैनबैक्सी के मलविंदर सिंह, शिविंदर सिंह, सुनील आदि पर धोखाधड़ी कर कंपनी की वित्तीय हालत खराब करने का आरोप लगाया था।

शिकायत के मुताबिक जिस वक्त गड़बड़झाला हुआ, उस वक्त शिविंदर मोहन सिंह रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर रहे, वहीं सुनील गोधवानी इसके चेयरमैन थे। कुल 2397 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था।

सूत्र बताते हैं कि इस मामले में बीते अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय की टीम रैनबैक्सी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिविंदर मोहन सिंह के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है।

शिविंदर सिंह रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर हैं, जोकि सूचीबद्ध कंपनी है। इसमें रेलीगेयर फिनवेस्ट की 85 फीसदी हिस्सेदारी है।

गोधवानी रेलीगेयर एंटरप्राइजेज के सीएमडी बने रहे। इसी दौरान अरोड़ा और सक्सेना भी रेलीगेयर एंटरप्राइजेज और रेलीगेयर फिनवेस्ट में महत्वपूर्ण पदों पर बने रहे।

 

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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