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नेशनल

केंद्रीय मंत्री रामविलास की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के मंत्री रामविलास पासवान की तबीयत सोमवार को तबीयत बिगड़ गई। वह दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती हैं।

जानकारी के मुताबिक सांस लेने में तकलीफ होने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। आपको बता दें कि पासवान सुबह रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल आए थे लेकिन इलाज के लिए उन्हें आज अस्पताल में ही रहना पड़ेगा।

रामविलास पासवान मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद हैं और केंद्र सरकार में मंत्री हैं। उनके बेटे चिराग पासवान बिहार के जमुई से लोकसभा सांसद हैं।

रामविलास पासवान को राजनीति का दिग्गज माना जाता है। पिछले 32 सालों में 11 चुनाव लड़ चुके हैं और उनमें से नौ जीत चुके हैं।

हांलाकि इस लोकसभा चुनाव में वह सियासी मैदान में नहीं उतरे। फिर भी सत्रहवीं लोकसभा में उन्होंने मोदी सरकार में एक बार फिर से उपभोक्ता मामलों के मंत्री पद की शपथ ली। रामविलास पासवान के पास छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा रिकॉर्ड भी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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