प्रादेशिक
चीनी नागरिक ने ताजमहल पर किया ऐसा काम, पुलिस ने तुरंत हिरासत में लिया
लखनऊ। ताजमहल के ऊपर ड्रोन उड़ाने के आरोप में एक चीनी नागरिक को कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया गया। उसे 17वीं सदी के मकबरे के हवाई दृश्य लेते हुए पकड़ा गया था।
ड्रोन और उसके कंट्रोलर को पुलिस ने मंगलवार को पकड़ा और एक माइक्रो स्टोरेज चिप को फॉर्मेट कर यह पता लगाने के लिए फोरेंसिक मूल्यांकन के लिए भेजा गया कि क्या यह किसी सैटेलाइट से जुड़ा था। 29 वर्षीय पर्यटक क्यूई यू को हालांकि लिखित माफी के बाद छोड़ दिया गया।
एसएचओ दिनेश कुमार ने कहा, “क्यूई ताज का दौरा करने के लिए सोमवार को आगरा आया था। मंगलवार को वह अपने ड्रोन के साथ मेहताब बाग गया और मकबरे के हवाई दृश्य रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया। जल्द ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने ड्रोन को देखा और स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने इसके सोर्स का पता लगाया।”
उन्होंने कहा, “चीनी नागरिक मेहताब बाग में झाड़ियों में छिपकर दूर से ड्रोन को नियंत्रित कर रहा था। जैसे ही वह फुटेज रिकवर करने के लिए ड्रोन को लिए नीचे लाया, हमारी टीम उसे पकड़ने के लिए दौड़ी। उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।”
अधिकारी ने कहा, “हमने ड्रोन को जब्त कर लिया और माइक्रो चिप की के कन्टेंट को क्लीयर कर दिया। इसे यह पता लगाने के लिए फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा गया है कि कहीं यह किसी सैटेलाइट से तो नहीं जुड़ा था।”
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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