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नेशनल

उड़ान भरने के लिए राजनाथ सिंह ने आखिर क्यों चुना तेजस, जानें यहां

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नई दिल्ली। राजनाथ सिंह गुरुवार को बेंगलुरू में जी-सूट में पूरी तरह से तैयार तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह उड़ान से रोमांचित थे और उन्होंने उड़ान भरने के लिए इस विमान को इसलिए चुना, क्योंकि यह स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था। विमान को वायुसेना (आईएएफ) के वरिष्ठ अधिकारी एयर वाइस मार्शल एन। तिवारी ने संचालित किया था।

सिंह ने कहा, “मैं उड़ान से रोमांचित था। यह मेरे लिए बहुत सहज और आरामदायक उड़ान थी। मैं इसका आनंद ले रहा था। मुझे देश के वैज्ञानिकों के साथ-साथ तेजस विमान के विकास पर काम करने वाले संगठनों पर गर्व है। आज, कई अन्य देशों में तेजस की मांग है। हम एक ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जिसमें हम न केवल लड़ाकू विमान निर्यात कर सकते हैं, बल्कि अन्य देशों को भी रक्षा उपकरण मुहैया करा सकते हैं।”

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने उड़ान भरने के लिए तेजस विमान को क्यों चुना, इस पर सिंह ने कहा कि यह जेट ‘स्वदेशी रूप से विकसित’ है, इसलिए मैंने इसे चुना। हालांकि 17 जनवरी 2018 को पूर्व रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्थान के जोधपुर हवाईअड्डे से वायुसेना के सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। वह ‘सह-पायलट’ के रूप में फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली पहली महिला रक्षामंत्री भी थीं।

वहीं पूर्व राष्ट्रपति, प्रतिभा पाटिल और एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 नवंबर, 2009 और 8 जून, 2006 को पुणे से एसयू-30 में उड़ान भरी थी। प्रतिभा पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति थीं, जिन्होंने यह उड़ान भरी थी, जबकि एक सैन्य लड़ाकू में उड़ान भरने वाले कलाम पहले राष्ट्रपति बने थे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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