Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बैंक का गेट खुला छोड़कर घर चले गए कर्मचारी, फिर जो हुआ…….

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बैंक के कर्मचारियों ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी।

दरअसल, मंगलवार शाम थाना सिविल लाइन क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के सामने स्थित यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी मेन गेट का ताला लगाए बिना ही अपने घर चले गए।

बैंक का ताला खुला देखकर स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बैंक मैनेजर को बुलाया और इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद बैंक मैनेजर और पुलिस टीम ने मौके का मुआयना कर बैंक के गेट को बंद कराया।

एसओ सिविल लाइन समयपाल अत्री ने बताया कि लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंचे और देखा कि बैंक के मुख्य गेट पर ताला नहीं लगा था। इसके बाद बैंक मैनेजर मुकेश शर्मा को घर से बुलाया गया।

बैंक मैनेजर ने जांच पड़ताल के बाद लिखित में दिया कि चपरासी भूलवश मुख्य गेट में ताला नहीं लगाया। और अंदर जांच पड़ताल करने के बाद किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।

नगदी सहित सारा सामान सुरक्षित है। पुलिस ने बताया कि रात 11.30 बजे के बाद मैनेजर की मौजूदगी में गेट पर ताला लगवा दिया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending