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प्रादेशिक

राजस्थान में रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना आई सामने, सगी मौसी ने भांजी को बेचा

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नई दिल्ली। राजस्थान के धौलपुर में रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने अपनी बहन की बेटी को 80 हजार रुपये में बेच दिया।

मामला धौलपुर जिले की कंचनपुर थाना क्षेत्र का है। पुलिस को सूत्रों से युवती की खरीद-फरोख्त की सूचना मिली। इसके बाद थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर घेराबंदी करते हुए युवती और एक अन्य संदिग्ध को हिरासत में ले लिया।

22 वर्षीय पीड़िता के मुताबिक वह 18 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से बांदा जिले में अपनी मौसी के यहां शादी समारोह में शामिल होने के लिए गई थी।

वहीं उसकी मौसी ने उसे धौलपुर जिले के बसईडांग थाना इलाके के बरीपुरा निवासी को 80 हजार रुपये में बेच दिया। जिसके बाद शख्स युवती को नशीला पदार्थ खिलाकर अपने गांव बरीपुरा ले गया और लगभग 6 महीने अपने पास रखा।

युवती के मुताबिक बाद में उस शख्स ने उसे 21 अगस्त को 1 लाख 75 हजार रुपये में बसईडांग थाना क्षेत्र के नगर गांव के एक निवासी को बेच दिया।

दो बार सौदा होने के बाद जब तीसरी जगह सौदा होने की भनक पड़ी तो युवती वहां से भाग निकली और मुखबिर द्वारा कंचनपुर थाना पुलिस को सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवती और एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने पीड़ित युवती का बयान लेकर मानव तस्करी का मामला दर्ज कर लिया है।

मामले दर्ज करने के बाद पुलिस ने युवती का मेडिकल कराकर मानव तस्कर यूनिट के प्रभारी मूलचंद मीणा को सुपुर्द कर नारी निकेतन भरतपुर भेज दिया है और आरोपियों के तलाश में जुट गई है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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