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नेशनल

अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय लाया गया अरुण जेटली का पार्थिव शरीर

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नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। जेटली लंबे समय से बीमार थे और एम्स में उनका इलाज चल रहा था।

9 अगस्त को सांस लेने में शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। बीजेपी सहित विपक्ष के तमाम नेताओं के उनके निधन पर दुख जताया है।

उनका पार्थिव शरीर को रविवार सुबह कैलाश कॉलोनी स्थित उनके आवास से जनता दर्शन के लिए भाजपा मुख्यालय में ले जाया गया।

जेटली का पार्थिव शरीर ले जा रहे फूलों से लदे सैन्य वाहन के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेता भी काफिले में आए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा मुख्यालय में पार्थिव शरीर को दोपहर 2 बजे तक रखा जाएगा और उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर को निगमबोध घाट के लिए ले जाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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