प्रादेशिक
ऐश्वर्या राय ने किया बड़ा खुलासा, कहा-पति को है गांजे की बुरी लत
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव पर उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐश्वर्या ने तेजप्रताप के बारे में बताया कि उन्हें गांजा पीने की लत है।
तेजप्रताप के बारे में ये बातें ऐश्वर्या ने अदालत में चल रहे तलाक के मामले में अपने जवाब में कही हैं। बता दें, शादी के कुछ ही महीनों बाद ऐश्वर्या ने अदालत में अपने पति तेजप्रताप से तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर दी थी।
ऐश्वर्या राय ने धारा 26 (महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005) के तहत फैमिली कोर्ट से सुरक्षा की मांग भी की है। ऐश्वर्या ने दावा किया है कि शादी के बाद उन्हें तुरंत ही इस बात का पता चल गया कि उनके पति ड्रग्स लेते हैं।
ड्रग्स के नशे में वो कई बार भगवान शिव के अवतार भी बनते हैं। ऐश्वर्या की तरफ से कहा गया है कि तेजप्रताप राधा और भगवान कृष्ण के कपड़े पहनकर भगवान की तरह दिखने की कोशिश करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ड्रग्स लेने के बाद तेजप्रताप यादव घाघरा-चोली पहन कर बालों में विग लगाते हैं और राधा बनते हैं।
अदालत में दाखिल किए गए जवाब में ऐश्वर्या ने आगे बताया कि इस बात को लेकर वो अपनी सास राबड़ी देवी और ननद से कई बार बात की लेकिन उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया।
ऐश्वर्या ने कहा कि जब उन्होंने तेजप्रताप से कहा कि वो गांजा ना पियें तो उन्होंने उनसे कहा था कि गांजा तो भोले बाबा का प्रसाद है, उसको कैसे मना करें? ऐश्वर्या के मुताबिक उनके पति उनसे कहते थे कि वो सिर्फ खाना बनाने और परिवार चलाने के लिए ही हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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