नेशनल
370 हटने के बाद फारुक अब्दुल्ला ने दिया बड़ा बयान, अमित शाह के लिए कही ये बात
नई दिल्ली। आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।
केंद्र सरकार के इस फैसले पर असहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। हम पत्थरबाज या ग्रेनेड फेंकने वाले नहीं हैं।
ये हमारी हत्या करना चाहते हैं। हम शांति में विश्वास रखते हैं और हम शांति से अपनी लड़ाई लड़ेंगे। फारूक अब्दुल्ला अपने आवास से पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला बहुत पीड़ा में है। गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुझे बहुत दुख होता है जब गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि फारूक अब्दुल्ला हिरासत में नहीं हैं और वह अपनी मर्जी से अपने घर में हैं। यह सच नहीं है।
अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए भारत सरकार की ओर से गारंटी थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे अपने घर में कैद कर दिया गया है। 70 साल से हम लड़ाई लड़ रहे हैं और आज हमें दोषी ठहरा दिया गया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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