अन्तर्राष्ट्रीय
धारा 370 हटने के बाद अमेरिका ने दिया बड़ा बयान, कही ये बात
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने के बाद अमेरिका का बयान सामने आया है।
सोमवार को अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वो भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। इसके साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने इस मामले पर कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं।
जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं।
हमने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में तब्दीली की भारत की घोषणा और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि यूएन के सैन्य पर्यवेक्षक समूह की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सैन्य गतिविधि में वृद्धि हुई है।
इस रिपोर्ट के बाद संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमा पर स्थिति और न बिगड़े।
जम्मू-कश्मीर के विवादित क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की निगरानी के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों को जनवरी, 1949 में तैनात किया गया था। पाकिस्तान संयुक्त पर्यवेक्षकों को एलओसी की निगरानी करने की अनुमति देता है, जबकि भारत इसकी इजाजत नहीं देता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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