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प्रादेशिक

बिना गनर के चल रहे हैं आजम खान, पुलिस ने घर के बाहर चिपकाया नोटिस

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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की सुरक्षा को लेकर रामपुर पुलिस ने नोटिस जारी किया है।

रामपुर पुलिस ने आजम खान के घर के बाहर एक नोटिस चिपकाया है जिसमें आजम और उनके बेटे को राज्य सरकार की ओर से दी गई सुरक्षा के साथ चलने की बात कही गई है।

पुलिस के मुताबिक, आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को गनर मिले हैं, लेकिन जानबूझकर दोनों नेता अपने साथ गनर को लेकर नहीं चलते हैं।

पुलिस ने आजम और उनके बेटे को गनर साथ लेकर चलने का निर्देश दिया है। पुलिस के मुताबिक आजम खान के साथ दो सुरक्षाकर्मी और उनके बेटे के साथ एक सुरक्षाकर्मी रहता है।

रामपुर में भू-माफिया घोषित आजम खान पर शिकंजा कसता ही जा रहा है। कुछ दिन पहले उनकी जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने के आदेश दिए गए थे। अब आजम का हमसफर रिसॉर्ट भी प्रशासन के निशाने पर है। आजम खान पर पहले से ही अजीमनगर थाने में जमीन हड़पने को लेकर कुल 27 मुकदमे दर्ज हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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