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प्रादेशिक

बिहार में गिरा दूसरे ग्रह का पत्थर! देखकर लोगों ने शुरू की पूजा

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पटना। बिहार के मधुबनी जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां सोमवार को लौकही थाना क्षेत्र के कौरयाही गांव में एक धान के खेत में आसमान से 10 किलो का पत्थर गिरा जो देखते ही देखते पूरा देश में चर्चा का विषय बन गया। पत्थर गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि 5 किलोमीटर दूर तक लोगों ने इसकी आवाज सुनी।

इस पत्थर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे दूसरे ग्रह का होने की बात कर रहा है तो कोई कुछ। इस पत्थर की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी मिली। उन्होंने इसे बिहार संग्रहालय में रखने की बात कही है।

जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा है कि इस पत्थर को जांच के लिए लेबोरेटरी भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि पत्थर का वजन तकरीबन 10 किलो है। जब यह जमीन पर गिरा था तो गर्म अवस्था में था। इसे जिला कोषागार में रखा गया है। जिसे विभागीय निर्देश मिलते ही जांच के लिए भेज दिया जाएगा।

पत्थर तेज आवाज के साथ खेत में गिरा। चर्चा यह भी है कि पत्थर गिरने वाली जगह पर कुछ समय के लिए सफेद धुआं देखा गया। साथ ही पत्थर गर्म भी था। इस घटना से लोग आश्चर्यचकित हैं।

इस अजीबो-गरीब घटना के बाद लोगों ने उस पत्थर को पूजना शुरू कर दिया। पीपल के पेड़ के नीचे रखकर पूजा अर्चना शुरू हो गई। देखते ही देखते भीड़ लगनी शुरू हो गई। हालांकि मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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