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प्रादेशिक

यूपी में अब नहीं होगी मॉब लिंचिंग, सीएम योगी ने बनाया नया मास्टर प्लान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गो तस्करी और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए गो सेवा आयोग को गायों के परिवहन कराने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है।

इस बारे में सीएम योगी ने कहा कि गायों के परिवहन के दौरान जो इन प्रमाण पत्रों को साथ लेकर चलेंगे, उन्हें पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

सीएम योगी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पशु विभाग की मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘अगर कोई भी व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह पर गाय पहुंचाता है तो प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए और उसके लिए सुरक्षा व्यवस्था भी की जानी चाहिए। इससे लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगेगी। मवेशियों की तस्करी की तुरंत जांच होनी चाहिए और गाय आश्रयों का नियमित निरीक्षण होना चाहिए।’

एक मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘हमारी सरकार गौ रक्षा के वादे के प्रति प्रतिबद्ध है। हालांकि हम किसी भी तरह की अराजकता को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। गाय वाहकों को सुरक्षा और प्रमाण पत्र प्रदान करके, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं राज्य में कहीं भी न हों।’

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस फैसले का स्वागत किया है लेकिन विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर पिछले दिनों लचर घटनाओं में शामिल लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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