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नेशनल

हार के बाद बुधवार को पहली बार अमेठी जाएंगे राहुल गांधी, पहुंचते ही करेंगे ये काम

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी के हाथों करारी शिकस्त झेलने के बाद राहुल गांधी पहली बार बुधवार को अमेठी का दौरा करेंगे।

जानकारी के मुताबिक इस दौरे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनके साथ नजर आ सकती हैं। राहुल गांधी निर्मला इंस्टीट्यूट ऑफ विमेन एजुकेशन, गौरीगंज में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ गुप्त बैठक करेंगे।

कार्यकर्ताओं के साथ राहुल गांधी 12 बजे दोपहर में बैठक करेंगे। इसके बाद वह 2 बजकर 30 मिनट पर एक दिवंगत ब्लॉक प्रमुख द्विंदा प्रसाद द्विवेदी के परिवार वालों से बाभनपुर गांव में मुलाकात करेंगे।

कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल अमेठी के गौरीगंज (जिला मुख्यालय) में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारणों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद वह आम लोगों से भी बातचीत करने के लिए कुछ समय निकालेंगे।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार की परंपरागत सीट कहे जाने वाली अमेठी से राहुल गांधी को हरा दिया था।

स्मृति ने राहुल को करीब 55 हजार के भारी अंतर से हराया था। अपनी सीट भी न बचा पाने की वजह से राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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