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पीएम मोदी के नाम पर बेंगलुरु में बनाई गई मस्जिद? सच जानें यहां…
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर मस्जिद की है। फोटो को लेकर दावा किया जा रहा है कि इस मस्जिद का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ‘मोदी मस्जिद’ रखा गया है।
फेसबुक पर इन दिनों मस्जिद के बाहर की तस्वीर शेयर की जा रही है जहां अंग्रेजी और उर्दू में “मोदी मस्जिद” लिखा दिख रहा है। पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा गया हैः “बेंगलुरु के शिवाजी नगर में कई दशकों से बड़ी संख्या में मुस्लिम रहते हैं। अब यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मस्जिद बनाई गई है। मोदी है तो मुमकिन है।”
Shivaji Nagar in Bangalore has been a Muslim dominated area for decades..We now have a masjid opened there in the name of Narendra Modi ji..Modi hai tho mumkin hai ???
Durga Menon ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶುಕ್ರವಾರ, ಮೇ 31, 2019
हमने जब इस मस्जिद की पड़ताल की पाया कि किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है। मस्जिद का नाम पीएम मोदी के नाम पर नहीं रखा गया है।
इंटरनेट पर जब हमने “मोदी मस्जिद” के बारे में और जानने की कोशिश की तो हमें एक वीडियो भी मिला। ये वीडियो मस्जिद पुनर्निमाण के बाद का है जिसे 4 जून को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है।
वीडियो में मोदी मस्जिद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अल्ताफ अहमद बता रहे हैं कि यह मस्जिद 170 साल पुरानी है, जिसका पुनर्निर्माण किया गया है।
इस मस्जिद के निर्माण के लिए उस समय बड़ी रकम देने वाले हजरत मोदी अब्दुल गफूर के नाम पर इसका नाम रखा गया था। हजरत को “मोदी” नाम ब्रिटिशर्स ने दिया था। हमारी पड़ताल में फेसबुक पर किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलब साबित हुआ।
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वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी होंगे नए नौसेना चीफ, 30 अप्रैल को संभालेंगे पदभार
नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी नए नौसेना प्रमुख होंगे। दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल को अपना नया पदभार संभालेंगे और इसी दिन मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत होंगे।दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।
उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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