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मोदी सरकार ने दी देशवासियों को खुशियों की सौगात, लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
नई दिल्ली। दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने देशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। जनता को ध्यान में रखते हुए गुरूवार को आरबीआई की ओर से एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की गई है।
मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने ये फैसला लिया है। इस बार आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। रेपो रेट कम करने के बाद अब नया रेपो रेट 5.75 प्रतिशत हो गया है।
आपको बता दें कि यह लगातार तीसरा मौका है जब आरबीआई ने रेपो रेट घटाया है। इससे पहले दो बार की बैठकों में भी रेपो रेट कम किया जा चुका है। रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति के बाद लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी आई है।
आम लोगों को क्या होगा फायदा
आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाने का फायदा आम लोगों की जेब पर भी पड़ेगा। दरअसल, आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक ब्याज दर कर देंगे। जिससे होम लोन या गाड़ियों पर लिए गए लोन में ब्याज दर कम हो जाएगा।
इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वालों को भी आरबीआई की बैठक से खुशखबरी मिली है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने RTGS और NEFT लेनदेन पर लगाए गए शुल्क को हटा दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब RTGS और NEFT के जरिए ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों को किसी भी तरह का एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होगा।
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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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