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नेशनल

अमित शाह के बाद कौन होगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? सबसे पहले जानिए यहां

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद अब पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू हो गया है।

शनिवार को गृह मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद शाह ने रात 9 बजे पार्टी महासचिवों की बैठक की। बैठक में राज्यों के संगठन में चुनाव कराए जाने को लेकर विचार-विमर्श हुआ।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अध्यक्ष पद के लिए जयप्रकाश नड्डा का नाम सबसे आगे चल रह है। जेपी नड्डा 2014 के मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। नड्डा के अलावा भूपेंद्र यादव का भी नाम पर भी विचार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि देश भर में पचास प्रतिशत से ज़्यादा राज्यों में चुनाव सम्पन्न होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है।

इससे पहले सितंबर 2018 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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