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प्रादेशिक

पति का कटा सिर हाथ में लेकर थाने पहुंच गई महिला, हत्या की वजह बताई तो कांप गई पुलिस

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नई दिल्ली। असम के लखीमपुर जिले में एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला अपने पति की हत्या करने के बाद उसका कटा सिर लेकर थाने पहुंच गई।

महिला के हाथ में पति का कटा सिर देखकर थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी कांप गए। पूछताछ में महिला ने हत्या का कारण बताया तो वहां मौजूद सभी के रोंगटे खड़े हो गए।

घटना मंगलवार रात की है। दरअसल, मजगांव की रहने वाली ये महिला एक प्लास्टिक के थैले के साथ धालपुर पुलिस चौकी पहुंची थी। इस थैले में उसके पति का कटा हुआ सिर था। आरोपी महिला गुनेश्वरी बरकाटकी (48) ने ये कबूल कर लिया है कि उसने ही अपने 55 वर्षीय पति मुधिराम की हत्या की है।

महिला ने स्थानीय टेलीवीजन चैनल को बताया कि उसका पति उसके साथ कई सालों से मारपीट कर रहा था। कई बार उसने उसे कुल्हाड़ी से भी घायल किया था।

महिला ने बताया कि उसने पहले कई बार पति को छोड़ने का सोचा, लेकिन बच्चों के कारण वो ऐसा नहीं कर पाई। आखिर में तंग आकर महिला ने उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद महिला पुलिस स्टेशन पहुंच गई और अपने जुर्म कबूलते हुए आत्मसमर्पण कर दिया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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