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नेशनल

पीएम मोदी ने किसी को नहीं दिए ये मंत्रालय, जानकर हैरान रह जाएंगे आप

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नई दिल्ली। प्रचंड बहुमत के बाद शुक्रवार को मोदी सरकार की नई पारी शुरू हो गई। गुरूवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद अगले दिन सभी मंत्रियों को उनके मंत्रालय सौंप दिए गए।

राजनाथ नाथ सिंह को गृह की जगह रक्षा मंत्रालय सौंपा गया जबकि पहली बार कैबिनेट का हिस्सा बने अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है। वहीं निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्तमंत्री के रुप में अपना पदभार संभालेंगी।

इन सबके बीच कुछ ऐसे भी मंत्रालय हैं जो प्रधानमंत्री ने किसी को भी नहीं दिए। आज हम आपको उन मंत्रालयों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें पीएम मोदी ने अपने पास ही रखा है।

  1. प्रधानमंत्री कार्यालय
  2.  कार्मिक मंत्रालय
  3.  जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय
  4. एटॉनिमक एनर्जी मंत्रालय
  5.  अंतरिक्ष मंत्रालय
  6.  पॉलिसी से जुड़े सभी मुद्दे
  7.  जो भी जिम्मेदारी किसी को नहीं मिली है, वह प्रधानमंत्री के पास

गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में भी प्रधानमंत्री के पास ये सभी विभाग थे। ऐसे में उन्होंने एक बार फिर ये सभी मंत्रालय अपने पास ही रखे हैं। आपको बता दें कि अंतरिक्ष मंत्रालय के अंतर्गत ही ISRO आता है जो इस समय चांद पर इंसान भेजने के मिशन पर काम कर रहा है।

वहीं अगर कार्मिक मंत्रालय की बात करें तो इसके जिम्मे सभी केंद्रीय अधिकारियों का ट्रांसफर से जुड़े मामले रहते हैं। पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारियों के तबादले से जुड़े कई मसले सामने आए थे।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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