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नेशनल

रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ी मुश्किलें, ईडी उठा सकती है ये बड़ा कदम

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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया है।

वाड्रा को ईडी के सामने गुरूवार को पेश होना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वाड्रा से लंदन की प्रॉपर्टी और संजय भंडारी से उनके रिश्ते के बारे में पूछताछ की जा सकती है।

ईडी का मानना है कि वाड्रा ने लंदन में प्रॉपर्टी गलत तरीके से खरीदी है साथ ही अधिकारी को शक है कि प्रॉपर्टी खरीदने में कालेधन का भी इस्तेमाल किया गया है।

इससे पहले ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट से रॉबर्ट वाड्रा की जमानत खारिज करने की अपील की थी। ईडी की इस अर्जी पर हाई कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को नोटिस भी जारी किया है और कहा है कि क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए।

ईडी की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई थी कि वाड्रा को पता है कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है इसलिए वो किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं।

ऐसे में उनकी जमानत खारिज कर दी जाए क्योंकि ईडी उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। ईडी की इस अपील पर कोर्ट ने वाड्रा को नोटिस जारी कर दिया है साथ ही इस जमानत पर सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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