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नेशनल

Exit Poll के नतीजों से चौंकी मायावती, इस बड़े नेता को पार्टी से निकाला

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नई दिल्ली। एग्जिट पोल आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने पार्टी के बड़े नेता रामवीर उपाध्याय को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

उनका पर यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए की गई है। साथ ही बसपा ने उन्हें मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया है।

इस मामले में बसपा महासचिव मेवालाल गौतम ने कहा कि रामवीर उपाध्याय लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।

उन्हें हिदायत दी गई थी, लेकिन फिर भी वो आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ समेत कई सीटों पर खड़े किए गए पार्टी प्रत्याशियों का खुलकर विरोध करते रहे और चुनाव के दौरान विरोधी पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन किया जिसके बाद उनपर ये कार्रवाई की गई।

आपको बता दें कि रामवीर के भाई मुकुल उपाध्याय पिछले साल बीजेपी में शामिल हुई थे। इस दौरान उन्होंने भाई रामवीर पर बसपा से निकालने का आरोप लगाया था। मुकुल ने कहा था कि अलीगढ़ से बसपा का टिकट देने के लिए मायावती ने उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे थे।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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