Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही एक्शन मोड में सीएम योगी, अपने ही मंत्री को किया बर्खास्त

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में आ गए हैं। चुनाव नतीजे आने से ठीक पहले सीएम योगी ने राज्यपाल राम नाईक से पिछड़ा वर्ग कल्याण-दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी है।

योगी ने राज्यपाल से सिफारिश कर उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। पिछले कुछ दिनों से राजभर बीजेपी और योगी सरकार के लिए बोलते रहे हैं।

हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ थी जिसमें वो बीजेपी के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए दिखे थे।

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले ही ओम प्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय का प्रभार छोड़ने की पेशकश की थी। लेकिन उनकी इस पेशकश को नामंजूर कर दिया गया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending