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नेशनल

वोटिंग के दौरान होटल में 2 EVM मिलने से मचा हड़कंप, लोगों ने जमकर किया हंगामा

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान के दौरान बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक होटल से दो ईवीएम मिलने के बाद हड़कंप मच गया। ईवीएम बरामद होने के बाद लोगों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया।

जिस अधिकारी के पास से ईवीएम मिला है उनका नाम अवधेश कुमार है। वो सेक्टर मजिस्ट्रेट और ईवीएम संरक्षक हैं। अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि उनकी टीम 4 ईवीएम मशीनों को बैकअप पर लेकर चल रही थी जिससे अगर किसी पोलिंग बूथ पर ईवीएम खराब हो जाती है तो उसे तत्काल बदला जा सके।

इसी दौरान उनकी गाड़ी के ड्राइवर ने उनसे निकट के पोलिंग बूथ संख्या 1 पर जाकर मतदान करने की इच्छा जताई। जिसके बाद वो ईवीएम लेकर मतदान केंद्र के पास एक होटल पर उतर गए।

जैसे ही मतदान केंद्र पर पोलिंग एजेंटों को इस बात की जानकारी मिली तो वे गड़बड़ी की आशंका जताते हुए हंगामा करने लगे।हंगामा होने के बाद स्थानीय एसडीओ कुंदन कुमार वहां पर पहुंचे और चारों ईवीएम मशीन को अपने कब्जे में ले लिया।

मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है। वहीं सेक्टर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार की लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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