प्रादेशिक
ऑटो ड्राइवर ने खरीदा 2 करोड़ का बंगला, छापेमारी में मिला कुछ ऐसा, देखकर उड़े अधिकारियों के होश
नई दिल्ली। बेंगलुरु में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के भी होश उड़ गए हैं। यहां एक ऑटो ड्राइवर के पास आयकर विभाग के अधिकारियों को बड़ी संपत्ति मिली है।
इस ऑटो ड्राइवर के पास लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की संपत्ति मिली है। इस ऑटो की संपत्ति का खुलासा तब हुआ जब इसने 2 करोड़ का विला कैश पेमेंट करके खरीदा।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2 करोड़ का विला खरीदने वाले शख्स का नाम नलुरल्ली सुब्रमणी है। 2 करोड़ कैश देकर विला खरीदने पर सुब्रमणी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में आ गए।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नलुरल्ली सुब्रमणी को एक नोटिस भेजा गया, जिसका जवाब न मिलने पर 16 अप्रैल को आईटी डिपार्टमेंट ने उनके विला पर छापा मारा दिया।
पूछताछ के दौरान सुब्रमणी ने अपनी संपत्ति को लेकर जो तर्क दिया वो डिपार्टमेंट के अधिकारियों को रास नहीं आ रहा है। उसका कहना है कि एक अमेरिकी महिला के कारण उसकी किस्मत बदल गई।
उसने महिला को कभी विला किराए पर दिलवाया था, लेकिन जब वो महिला विला छोड़कर गई तो उसने करोड़ों की दौलत उसके नाम कर दी। इसके बाद उसने ऑटो चलाना छोड़ दिया।
सुब्रमणी का कहना है कि उसे जबरदस्ती इस मामले में फंसाया जा रहा है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में कुछ बड़े नेताओं से ड्राइवर के लिंक होने की खबर भी सामने आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छापेमारी में कुछ डॉक्यूमेंट्स और 7.9 करोड़ कैश भी मिले हैं। जिसके बाद प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन के तहत जट्टी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस भेजा गया है।
बताया जाता है कि ऑटो रिक्शा ड्राइवर सुब्रमणी अपना अलग से फाइनेंस बिजनेस चलाता था। वह ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स को 10,000 तक के लोन बहुत ऊंचे ब्याज दरों पर देता था।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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