नेशनल
पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी कर रहे थे बच्चे, फिर प्रियंका गांधी ने जो किया वो हैरान कर देने वाला है
नई दिल्ली। चार चरणों के चुनाव के बाद अब राजनीतिक दल पांचवे चरण की तैयारी में जुट गए हैं। 6 मई को होने वाले वोटिंग में कई वीआईपी सीटें हैं जिसपर पूरे देश की नजर है।
इन सीटों में से एक अमेठी की भी सीट है जिससे राहुल गांधी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। राहुल को इस सीट से जिताने का मोर्चा खुद उनकी बहन प्रियंका गांधी ने संभाला है।
आजकल प्रियंका अमेठी में जोरदार चुनाव प्रचार कर रही हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में छोटे बच्चे प्रियंका के सामने चौकीदार चोर है के नारे लगा रहे हैं।
इस बीच कुछ बच्चे प्रधानमंत्री मोदी के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने लगे जिसपर विवाद हो गया। स्मृति ईरानी ने बुधवार सुबह एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि सोचिए एक प्रधानमंत्री को कितना कुछ सहना पड़ता है। क्या इससे लुटियंस में गुस्सा दिखाई दिया?
This, in a nutshell, is how the Nehru-Gandhis ruled this nation for 70 years pic.twitter.com/ZdtFh76Cm9
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) April 30, 2019
आपको बता दें कि स्मृति ईरानी ने जो वीडियो साझा किया है वह आधा-अधूरा है। अगर इसके पूरे वीडियो को देखें तो जब बच्चे पीएम के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग करते हैं, तो प्रियंका तुरंत उन्हें टोकती हैं।
प्रियंका के साथ खड़े लोगों ने भी बच्चों को ऐसे नारे लगाने से रोका। बच्चों को प्रियंका समझाते हुए कहती हैं, ‘ये वाला नहीं… ये अच्छा नहीं है. अच्छे बच्चे बनो.’ इसके बाद बच्चे राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर देते हैं. ट्विटर पर इन दिनों ये दोनों ही वीडियो वायरल हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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