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नेशनल

ब्रिटिश नागरिक हैं राहुल गांधी? विदेश मंत्रालय ने मांगा 15 दिनों में जवाब

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नई दिल्ली। अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाए हैं।

स्वामी के दावे के मुताबिक राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। उनकी शिकायत पर गृहमंत्रालय ने उन्हें नोटिस भेजा है। जिसपर उन्हें 15 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है।

इस मुद्दे को लेकर स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट भी किया। स्वामी ने ट्वीट करते हुए पूछा, ‘क्या गृह मंत्रालय ने आज मेरी शिकायत पर नोटिस जारी किया है?’

हालांकि उन्होंने ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लेकर जिक्र नहीं किया है। वहीं नागरिकता को लेकर भाजपा कांग्रेस अध्यक्ष पर हमलावर हो गई है और उसका कहना है कि राहुल को आरोपों पर सफाई देना चाहिए।

आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब राहुल की नागरिकता पर सवाल उठाए गए हैं। इससे पहले उनके चुनावी एफिडेबिट में नागरिकता और डिग्री को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।

राहुल पर आरोप लगाया गया था कि उनका असली नाम राउल विंची है। साथ ही उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है। वकील ने आरोप लगाया था कि राहुल ने दस्तावेजों में इंग्लैंड की अपनी कंपनी का जिक्र नहीं किया है।

हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार के दावों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था और उनके नामांकन को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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