ऑफ़बीट
इस गांव के नीचे मिला 680 टन सोना, नाम जानते ही फावड़ा लेकर निकल पड़ेंगे आप
नई दिल्ली। अगर आपको पता चले कि जिस गांव के आप रहने वाले हैं उसके नीचे कई टन सोना छुपा होगा तो क्या करेंगे? फावड़ा उठाएंगे और खुदाई शुरू कर देंगे….है न?
लेकिन कोलंबिया के एक छोटे से गांव के लोगों ने ऐसा नहीं किया कोलंबिया के काजामारका गांव में रहने वाले लोगों को जब ये पता चला कि उनके गांव के नीचे 680 टन सोना है तो उन्होंने इसे निकालने से मना कर दिया। आपको बता दें कि इस खजाने की कीमत लगभग 2.43 लाख करोड़ रुपए है।
गांववालों ने खदान की खुदाई शुरू करने के लिए हुए जनमत संग्रह में एकजुट होकर इसका विरोध किया। उनका कहना है कि यदि पर्यावरण बचेगा तो हम बचेंगे। हम चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी को बेहतर सेहत और पर्यावरण मिले। 19 हजार की आबादी वाले गांव में से केवल 79 लोगों ने खुदाई के पक्ष में मतदान किया।
कोलंबिया सरकार के अनुसार काजामारका गांव में दबा हुआ सोने का यह भंडार दक्षिण अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा भंडार है। सरकार ने खनन की जिम्मेदारी दक्षिण अफ्रीकी कंपनी एंग्लोगोल्ड अशांति को सौंपी थी। इस खदान को ला कोलोसा का नाम दिया गया है।
सरकार का मानना था कि यहां मार्क्सवादी विद्रोही खत्म हो गए हैं। इसलिए यहां आसानी से खनन किया जा सकता है। मगर जनमत संग्रह के नतीजों ने सरकार की उम्मीदें तोड़ दी हैं। कोलंबिया के खनन मंत्री जर्मन एर्स जनमत संग्रह के परिणाम से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि लोगों को इस मामले में गुमराह किया गया है।
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मालिक के साथ पीते पीते कुत्ता भी बना गया शराबी, कराया गया नशा मुक्त
लंदन। शराब की लत से परेशान लोगों को तो आपने देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी शराबी कुत्ते को देखा है? कैनाइन अल्कोहल विदड्राल यानि किसी पालतू जानवर की नशे की लत छुडाने के दुर्लभ मामले में ब्रिटेन के एक कुत्ते को नशा मुक्त कराया गया है। शराब की लत के लिए इलाज कराने वाला वह पहला कुत्ता बन गया है।
कुत्ते को शराब की ऐसी लत लगी कि उसका मालिक भी परेशान हो गया। मालिक के साथ ही कुत्ते को भी शराब की लत लग गई थी। न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, इलाज के बाद अब दो वर्षीय लैब्राडोर नस्ल के कोको को प्लायमाउथ, डेवोन में वुडसाइड एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट को सौंप दिया गया है।
अचानक पड़ने लगे दौरे
न्यूजवीक के अनुसार कि कोको नाम के 2 साल के लेब्राडॉर को एक अन्य कुत्ते के साथ एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट को सौंप दिया गया था। एनिमल वेलफेयर चैरिटी के फेसबुक पेज के अनुसार, लाख कोशिशें करने के बाद दूसरे कुत्ते को नहीं बचाया जा सका।
दोनों कुत्तों को ट्रस्ट को उस वक्त सौंपा गया, जब उन्हें दौरे पड़ने लगे। हालांकि, कोको अब पूरी तरह से ठीक होने वाला है। पोस्ट में बताया गया कि कोको गंभीर रूप से बीमार हो रहा था और उसे 24 घंटे देखभाल की जरूरत पड़ती थी।
कोको को दौरे पड़ने लगे। ऐसे में उसे पूरे चार हफ्तों तक बेहोश रखा गया, ताकि उसे बार-बार दौरे ना पड़ें और उसे जल्दी से ठीक किया जा सके।
कोको की हालत में हो रहा सुधार
अब कोको पहले से काफी हद तक ठीक हो चुका है और एक नॉर्मल कुत्ते की तरह बिहेव कर रहा है। सेंक्चुरी के मैनेजर ने बताया कि कोको अब अच्छी तरह से रिकवर कर रहा है।
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