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प्रादेशिक

दिन-रात मेहनत करके पत्नी को बनाया सब-इंस्पेक्टर, नौकरी मिलने के बाद बोली-तुम मेरे लायक नहीं…

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के भोपाल में एक शख्स ने अपनी पत्नी को पूरी मेहनत से पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया। लेकिन जब पत्नी पढ़ा लिखकर सब इंस्पेक्टर बन गई तो उसने पति के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पत्नी ने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी भी दे दी है। इस मामले में पति का बयान भी सामने आया है। पति ने बताया कि शादी के समय ये कुछ भी नहीं करती थी, लेकिन उसके बाद तीन-चार साल तक उसे पढ़ाया-लिखाया, ताकि अपने पैरों पर खड़ी हो सके।

पंडिताई कर भोपाल में रखकर उसे कोचिंग दी और अब अफसर बन गई तो अब मेरे साथ नहीं रहना चाहती। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऊंचे पदों पर पहुंच गईं पत्नियों पति से तलाक लेने के लिए आवेदन दे रही हैं। इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में दोनों पक्षों को समझाकर उनकी काउंसिलिंग की जा रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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