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नेशनल

CRPF के काफिले के पास हुआ धमाका, शुरूआती जांच में सामने आई चौंकाने वाली बात

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर शनिवार को बनिहाल के पास एक संदिग्ध कार में धमाका हो गया। धमाका सेंट्रो कार में हुआ जो हाईवे पर ख़ड़ी थी।

इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस जगह धमाका हुआ उसके पास से सीआरपीएफ की 6-7 बसें गुजर रही थीं। मिली जानकारी के मुताबिक धमाके के बाद सीआरपीएफ का काफिले को रवाना कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बनिहाल टनल के पास रिहाइशी इलाके से दूर एक सेंट्रो कार जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर खड़ी थी। जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला नजदीक आया कार में धमाका हो गया।

धमाके के दौरान कार में कोई मौजूद नहीं था। ड्राइवर के लापता होने की वजह से सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमले की आशंका जता रहे हैं। फिलहाल, ड्राइवर की तलाश की जा रही है।

शुरुआत जांच में मामला कार में सिलेंडर ब्लास्ट का लग रहा है। कार के परखच्चे उड़ गए हैं। हालांकि, ड्राइवर के गायब होने से शक की सूई आतंकी हमले की तरफ जा रही है।

धमाका इतना जबरदस्त था कि दूर होने के बावजूद सीआरपीएफ की एक बस को मामूली नुकसाना पहुंचा है और उसके शीशे टूट गए हैं। इस धमाके में सीआरपीएफ जवान या कोई भी आम नागरिक हताहत नहीं हुआ है। फिलहाल सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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