नेशनल
तेज प्रताप यादव ने छात्र आरजेडी से दिया इस्तीफ़ा, कर सकते हैं नई पार्टी का एलान
पटना। बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में जहां एक ओर सीट बंटवारे को लेकर अब तक सहमति नहीं बनी है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच, राजद नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने गुरुवार को छात्र राजद के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया।
तेज प्रताप ने फेसबुक और ट्विटर पर लिखा, ‘छात्र राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक के पद से मैं इस्तीफा दे रहा हूं।’ इसी के साथ तेज प्रताप ने एक शेर लिखकर इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया। तेज प्रताप ने लिखा, ‘नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं। कौन कितना पानी में है, सब खबर है मुझे।’
इससे पहले गुरुवार को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी। सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद तेज प्रताप ने ऐसा किया। चर्चा थी कि तेज प्रताप अपनी राहें अलग कर सकते हैं और नई पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं। खबर है कि तेज प्रताप राजद से अलग होकर नई पार्टी का एलान कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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