नेशनल
योगी की सभा में खाली पड़ी रह गईं कुर्सियां, नहीं पहुंचे सुनने वाले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एक चुनावी सभा से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्टार प्रचारकों में शुमार हेमा मालिनी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मथुरा की विजय संकल्प सभा में योगी आदित्यनाथ और हेमा मालिनी के एक मंच पर मौजूद रहने के बावजूद भी सभा की अधिकतर कुर्सियां खाली पड़ी रही।
एक वरिष्ठ पत्रकार ने मथुरा की सभा का फ़ोटो को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है, जहां योगी आदित्यनाथ और हेमा मालिनी की मौजूदगी के बावजूद भी दर्शकों का अभाव रहा। बता दें कि मथुरा की सांसद और भाजपा की स्टार प्रचारक हेमा मालिनी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव में मथुरा से अपना नामांकन पत्र भरा। इसके बाद इन दोनों नेता जनसभा को संबोधित करने गए थे।
योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग के आदेशों को दिखाया ठेंगा
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने हेमा के नामंकन के बाद मथुरा में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए दिखा दिया चुनाव आयोग को ठेंगा। दरअसल फिर से सत्ता पर काबिज होने की जद्दोजहद में माननीय मुख्यमंत्री यह भूल गए कि चुनाव आयोग ने पुलवामा, बालाकोट व सेना से जुड़े मुद्दों को मंच से उठाने व होर्डिंग इत्यादि लगवाकर राजनीत करने पर रोक लगा दी है लेकिन उसके बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए व मौजूदा केंद्र में बैठी बीजेपी की मोदी सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए इन्ही मुद्दों को मंच से उछाला।
मौका था हेमा के नामांकन के तुरंत बाद भाजपा की विजय संकल्प रैली का इस बाबत जब माननीय मुख्यमंत्री से बात करने का प्रयास किया तब वह कैमरे पर आकर कुछ नही बोले व सभा समाप्ति के तुरंत बाद हेलीपैड को रवाना हो गए जहां पहुंच वह अपने अगले गंतव्य को निकल गए।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे
-
मनोरंजन3 days ago
सुप्रिया श्रीनेत पर कंगना का पलटवार, कहा- हर महिला गरिमा की हकदार है
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी की टिप्पणी से भारत नाराज, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
-
नेशनल2 days ago
बीजेपी ने तीन राज्यों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट की जारी, PM मोदी, शाह और योगी के नाम शामिल
-
नेशनल21 hours ago
शिवसेना-शिंदे गुट के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, मोदी-शाह समेत कई बड़े नाम शामिल
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
-
नेशनल21 hours ago
ईडी ने सुनीता केजरीवाल के रिश्तेदार के घर पर मारा छापा, जानें क्या है मामला
-
नेशनल20 hours ago
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज