Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लोकसभा चुनाव 2019: आडवाणी के टिकट कटने की बड़ी वजह आई सामने, जानकर चौंक जाएंगे आप

Published

on

Loading

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आखिरकार लंबे इंतजार के बाद गुरूवार शाम उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इस सूची में 184 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हुई है। बीजेपी चुनाव समिति के सचिव जे.पी नड्डा ने मीडिया को संबोधित करते हुए होली के दिन इन नामों की घोषणा की।

उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ेगें। इस लिस्ट की सबसे हैरान कर देने वाली बात बीजेपी के लौहपुरुष कहलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का टिकट कटना था। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना गांधीनगर सीट से 6 बार सांसद रह चुके आडवाणी का टिकट इस बार काट दिया गया है। उनकी जगह इस सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ेंगे। लिस्ट जारी होने के बाद आडवाणी का टिकट कटने की बड़ी वजह सामने आई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांधीनगर से सांसद आडवाणी 91 साल के हो चुके हैं। बीजेपी में पहले से ही यह संकेत मिलने लगे थे कि वरिष्ठ नेता जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है उनका टिकट कट सकता है। यही वजह से है कि पार्टी ने उनकी जगह अमित शाह को टिकट देने का फैसला किया।

इसके अलावा बीजेपी की प्रदेश इकाई की तरफ से भी मांग उठने लगी थी कि आडवाणी की जगह अमित शाह को गांधीनगर से टिकट दिया जाए। पार्टी पर्यवेक्षक निमाबेन आचार्य ने बताया था कि बीजेपी ने 16 मार्च को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय जानने के लिए गांधीनगर में पर्यवेक्षकों को भेजा था और इनमें से अधिकतर ने शाह का पक्ष लिया।

आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बीजेपी के उन नेताओं में शुमार हैं जिन्होंने पार्टी को 2 सीटों की पार्टी को आज मुख्य पार्टी बना दिया। बीजेपी को मौजूदा स्वरूप में खड़ा करने में इन दोनों नेताओं की अहम भूमिका रही है।

आडवाणी ने 1992 की अयोध्या रथ यात्रा निकाल कर बीजेपी की राजनीति में धार दी थी। एक वक्त रहा है जब लालकृष्ण आडवाणी भारत की राजनीति की दिशा को तय करते थे और उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रबल दावेदार तक माना जाता था। ये वही आडवाणी हैं जिन्होंने 1984 में दो सीटों पर सिमटी बीजेपी को 1998 में पहली बार सत्ता का स्वाद चखाया।

मगर लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी को 2004 और 2009 के चुनावों में मिली लगातार दो हार ने उन्हें पीछे ढकेल दिया। संसदीय राजनीति में वह गांधीनगर की सीट पर पहली 1991 में चुनाव लड़े थे। फिर 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में जीते।

हालांकि बाबरी केस की वजह से आडवाणी 1996 के चुनाव में मैदान में नहीं उतर पाए थे। 2009 में आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी कांग्रेस से हार गई थी और यहीं से उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई। 2014 में बीजेपी मोदी के नेतृत्व में जीती जिसके बाद आडवाणी को मार्गदर्शक मंडल में भेजा गया।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

Published

on

Loading

लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

Continue Reading

Trending