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नेशनल

प्रमोद सावंत ने संभाली गोवा की कमान, 11 मंत्रियों के साथ ली शपथ

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रविवार रात 63 वर्ष की उम्र में मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा को लेकर सियासी उलझनों के बीच प्रमोद सावंत को सीएम पद के लिए आधी रात में शपथ समारोह हुआ। रात करीब एक बजकर पचास मिनट पर प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही गोवा में नई सरकार का गठन हो गया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने प्रमोद सावंत और उनके कैबिनेट को पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई।

प्रमोद सावंत गोवा के नए मुख्यमंत्री बने, राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने देर रात को प्रमोद सावंत और उनके नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलवाई, राजभवन में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच एक नई सरकार अस्तित्व में आ गई।

प्रमोद सावंत के अलावा 11 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें सुदिम धवलीकर और विजय सरदेसाई को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी गई।

गोवा मंत्रिमंडल के सदस्य
प्रमोद सावंत (मुख्यमंत्री)
सुदिन धवलीकर (उपमुख्यमंत्री)
विजय सरदेसाई (उपमुख्यमंत्री)
विनोद पालयेकर
जयेश सालगांवकर
विश्वजीत राणे
मनोहर अजगांवकर
रोहन खंवटे
गोविन्द गावडे
मिलिंद नाइक
नीलेश काबराल
मोविन गोदिन्हो

देर रात राज भवन में ताजपोशी हुई, ताजपोशी से पहले राष्ट्रगान की धुन बजी, लोग राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े हुए, इसके बाद राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने गोवा के नए मुखिया को राज्य की कमान सौंपी, प्रमोद सावंत ने संविधान की शपथ ली।

आरएसएस कैडर हैं प्रमोद सावंत
46 वर्षीय प्रमोद सावंत गोवा में भाजपा के अकेले ऐसे विधायक हैं जो आरएसएस कैडर से हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे। 2017 में जब भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया। वह भाजपा सरकार के सबसे पसंदीदा नेता हैं। इस बात का अंदाजा हम इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिकर के निधन के बाद जब विकल्प की बात आई तो सबसे पहले उन्हीं का नाम सामने आया।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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