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नेशनल

ट्विटर ने भी माना नरेंद्र मोदी को ‘चौकीदार’, बदल गया पीएम का नाम!

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर अपना नाम बदल लिया है। अब ट्विटर पर पीएम मोदी का नाम चौकीदार नरेंद्र मोदी हो गया है। मोदी ने ऐसा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ‘मैं भी चौकीदार कैंपेन’ के तहत किया है।

शनिवार को पीएम मोदी ने ‘मैं भी चौकीदार’ विडियो जारी किया था। जिसके बाद ट्विटर पर उनके नाम के आगे भी चौकीदार लगा दिया गया। हालांकि, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर उनका नाम अभी भी नरेंद्र मोदी ही है।

पीएम मोदी के इस कदम के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्विटर पर अपने नाम के आगे ‘चौकीदार’ लगा लिया है।

 

इसके अलावा जेपी नड्डा, रमन सिंह, पूनम महाजन समेत कई बड़े नेताओं ने भी अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द जोड़ लिया है।

 

मैं भी चौकीदार विडियो जारी करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसा है। शनिवार को राहुल गांधी ने एक तस्वीर शेयर करते हुए उसके साथ लिखा, ‘रक्षात्मक ट्वीट मिस्टर मोदी! आज आपको अपराधबोध हो रहा है।’

 

राहुल ने जो तस्वीर पोस्ट की है उसमें पीएम मोदी के साथ अन्य कई लोग हैं। इनमें बैंक घोटाला कर विदेश भागनेवाले नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या की तस्वीर है। वहीं इसमें गौतम अडानी और अनिल अंबानी भी दिख रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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