Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

Mumbai Bridge Collapse : मुंबई के CST के पास फुटओवर ब्रिज गिरा, 5 की मौत 36 घायल

Published

on

Loading

मुंबई। (द्वारकेश बर्मन) छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पास हुए फुट ओवरब्रिज हादसे में खबर लिखे जाने तक आठ लोगों की मौत की सूचना आ रही थी जबकि इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नही किन्तु संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान जताया जा रहा है ।

मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पास हुए फुट ओवरब्रिज हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है और बताया जा रहा है कि 36 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।

इस बार में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विनोद तावड़े ने कहा है कि ब्रिज की कंडीशन खराब नहीं थी। मंत्री ने कहा कि रेलवे और बीएमसी इसकी जांच करेंगे।

मंत्री विनोद तावड़े ने कहा, ‘ब्रिज का एक स्लैब गिरा है। रेलवे और बीएमसी इसकी मेंटनेंस के बारे में जांच करेंगे। ब्रिज खराब कंडीशन में नहीं था, इसमें छोटी-मोटी रिपेयरिंग की जरूरत थी, जोकि जारी थी। काम पूरा नहीं हुआ फिर भी इसे चालू रखा गया था, इसके बारे में भी जांच की जाएगी।’

बता दें कि हादसे में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ब्रिज के बाकी स्लैब को भी अब गिराया जा रहा है।

इस हादसे पर दुख जताते हुए महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘मुंबई में टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग के पास हुए फुटओवर ब्रिज हादसे से की खबर सुनकर कष्ट हुआ। अभी बीएमसी कमिश्नर और मुंबई पुलिस के अधिकारियों से बात की है और उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर काम करें और तेजी के साथ राहत और बचाव कार्य करें।’

डीआरएम बोले- ब्रिज के देखरेख का काम बीएमसी का

रेलवे के सूत्रों के अनुसार, इस ब्रिज के मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसे देखते हुए इलाके में बड़े स्तर पर राहत कार्य शुरू कराए गए हैं। मुंबई के जिस स्थान पर यह हादसा हुआ उससे कुछ ही दूरी पर मुंबई पुलिस और मुंबई महानगरपालिका के मुख्यालय स्थित हैं। सेंट्रल रेलवे के डीआरएम डीके शर्मा के अनुसार, जिस ब्रिज के गिरने से यह हादसा हुआ उसकी देखरेख का काम बीएमसी करती है। उन्होंने बताया कि ब्रिज का निर्माण कार्य रेलवे ने कराया था, लेकिन रखरखाव की जिम्मेदारी बीएमसी की ही थी।

पुल के नीचे मौजूद थे तमाम लोग:-

अब तक मिली सूचना के मुताबिक, राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, मुंबई पुलिस और रेलवे पुलिस की टीम को भी मौके पर लगाया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ ब्रिज के नीचे बड़ी संख्या में लोग और वाहन मौजूद थे। ऐसे में इस पुल के मलबे में कई लोग दबे हो सकते हैं। इस संभावना को देखते हुए एनडीआरएफ और पुलिस की टीम जल्द से जल्द लोगों को बाहर निकालने के प्रयास कर रही है।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

Published

on

Loading

सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

Continue Reading

Trending