प्रादेशिक
फोन पर पाकिस्तानी सीरियल देख रही थी पत्नी, गुस्से में पति ने काट दिया नाजुक अंग!
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे शहर से मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 40 वर्षीय शख्स ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए अपनी पत्नी पर धारदार चाक़ू से हमला किया।
इस हमले में पत्नी के दाएं हाथ का अंगूठा कटकर अलग हो गया। पुणे पुलिस स्टेशन में पीड़िता ने अपने पति के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह दंपति में झगड़ा हुआ था। महिला ने अपने बेटे को एक दुकान से दूध लाने के लिए भेजा था लेकिन जब उसने पाया कि दूध की थैली खराब हो गई है, तो वह उसे डांटने लगी।
उसकी आवाज सुनकर, पति ने बीच बचाव किया, जिससे दंपति के बीच बहस हुई। महिला ने अपनी शिकायत में कहा है, कि जब उसका पति काम से घर आया तो उसने झगड़ा किया और पाया कि वह उससे बात नहीं कर रही है।
जब वह उससे बात करने के लिए बेडरूम में गया, तो वह अपने मोबाइल पर पाकिस्तानी नाटक देख रही थी। इस पर वह आग-बबूला हो गया।
उसे लगा की उसकी पत्नी उसे नजरअंदाज कर रही है और अपने मोबाइल फोन पर शो को अधिक महत्व दे रही हैं, पति से यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने पत्नी पर चापड़ (चाकू जैसा औजार) से हमला किया, जिसमें उसके दाएं हाथ का अंगूठा कट कर अलग हो गया। इसी बीच महिला का शोर सुनकर पडोसियों ने उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया।
आपको बता दें,आरोपी आसिफ सत्तार नायब सैलिसबरी पार्क इलाके में होर्डिंग्स लगाने का व्यवसाय करता है। नायब को हत्या की कोशिश के मामले में स्वारगेट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
रिपोर्ट-मानसी शुक्ला
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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