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नेशनल

लोकसभा चुनाव 2019: सुल्तानपुर से चुनाव लड़ेंगे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला

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लखनऊ। भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला अपने गृह जनपद सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। प्रेम शुक्ला सुल्तानपुर की लम्भुआ विधानसभा के प्रतापपुर कमैचा ब्लाक (चांदा) ग़ाम बनभोकार के मूल निवासी हैं।

प्रेम शुक्ला ने कक्षा एक से पांच तक न्याय पंचायत शाहपुर के प्राथमिक विद्यालय और कक्षा छह से स्नातक महाराष्ट्र राज्य के मुंबई से शिक्षा ग़हण की है।

प्रेम शुक्ला औरंगाबाद में निर्भय पथिक से पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा। इसके बाद मुंबई से प़काशित ‘दोपहर का सामना’ अखबार में बतौर संवाददाता एवं मुख्य संवाददाता व ब्यूरो प़मुख पद पर लेखनी को मजबूत करते हुए सामना में ‘कार्यकारी संपादक’ पद का दायित्व संभाला।

इसके बाद शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने अपनी पार्टी का पक्ष रखने के लिए प़वक्ता व स्टार प़चारक की भी जिम्मेदारी सौंपी। 2015 से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट़ीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा में शामिल करके इन्हे राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी।

मुंबई रहने के बावजूद प्रेम शुक्ला का अपनी मातृभूमि गृहजनपद सुल्तानपुर से बेहद लगाव रहता है। वह सुल्तानपुर के विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर शामिल होने के साथ अपने पैतृक गांव बनभोकार बराबर आते-जाते रहते हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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