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नेशनल

भारत में चुनाव लड़ चुका है ये आतंकवादी, जानिए आतंक के इस आका की पूरी कहानी!

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नई दिल्ली। 7 मार्च को जम्मू के बस स्टैंड पर हुए ग्रेनेड हमले में दो लोग की मौत हुई थी जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बीते दस महीने में जम्मू के इस बस स्टैंड पर हुआ यह तीसरा हमला था। इससे पहले दिसंबर 2018 में यहां ब्लास्ट हुआ था, जिसमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचा था। वहीं 24 मई 2018 को हुए ब्लास्ट में यहां दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

 

जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड हमले को अंजाम देने वाला आतंकी यासीर भट्ट अब पुलिस के गिरफ्त में है। यासीन को लेकर जम्मू कश्मीर पुलिस नया खुलासा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसकी उम्र मात्र 16 वर्ष है। वह नौवीं क्लास में पढ़ता है और उसके पिता पेंटर हैं। यासिर गुरुवार को बस स्टैंड पर ग्रेनेड फेंकने के बाद भागते समय पकड़ा गया था। पुलिस अधिकारियों  द्वारा पूछताछ करने पर यासिर ने बताया कि वह हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकी है। उसने ही हिज्बुल कमांडर फारूख अहमद भट्ट के कहने पर बस पर ग्रेनेड फेंका था।

 

हिज़्बुल एक आतंकी संगठन हैं। जिसका मुखिया सैयद सलाहुद्दीन है जो की कश्मीर घाटी से अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है। वह हिजबुल से पहले एंटी-इंडिया आतंकी समूह जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष रह चुका है। उसने कसम खाई थी कि वह कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तरह की शांति स्थापना वाले कार्यों को सफल नहीं होने देगा। घाटी में और ज्यादा आत्मघाती हमलावरों को ट्रेनिंग देगा और कश्मीर को भारतीय सेना का कब्रिस्तान बना देगा। 26 जून 2017 को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। हालांकि इस घोषणा के बाद वह मुजफ्फराबाद के सेंटर प्रेस क्लब में पाकिस्तानी मीडिया से बात करता हुआ नजर आया था। उसने कहा था कि यह घोषणा अमेरिका, इजरायल और भारत की पाकिस्तान के प्रति शत्रुता दिखाती है।

 

आपको बता दें, सैयद सलाहूद्दीन  का असली नाम सैयद मोहम्मद युसूफ शाह था। आतंकवादी बनने से पहले वह एक प्रशासनिक कर्मचारी बनना चाहता था। उसने यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई भी की थी। 1987 में युसूफ शाह उर्फ़ सैयद सलाहुद्दीन ने जम्मू और कश्मीर से मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर श्रीनगर की अमीरा कदल सीट से चुनाव भी लड़ा था। हालांकि वह चुनाव हार गया और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम मोहिउद्दीन शाह इस सीट से जीत गए। इसके बाद यूसुफ़ शाह को हिंसक विरोध प्रदर्शन करने की वजह से गिरफ्तार करके जेल में भेज दिया गया था।

 

साल 1989 में जेल से रिहा होने के बाद वह हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया। इस संगठन का संस्थापक मुहम्मद अहसान डार उर्फ मास्टर था। वह बाद में हिजबुल से अलग हो गया और शाह के हाथों में इसकी कमान आ गई। इसके बाद उसने 12वीं शताब्दी के मुस्लिम राजनेता और सैन्य नेता सलाद्दीन के नाम पर अपना नाम सैयद सलाहूद्दीन रख लिया।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

 

 

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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