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नेशनल

मोदी सरकार दे रही बिजनेस शुरू करने के लिए 10 लाख तक रुपए, जल्दी करें

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पीएम मोदी

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अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो देर मत करिए पीएम मोदी की स्कीम का फायदा उठाएं। छोटे कारोबारियों के लिए पीएम मोदी की एक स्कीम मुद्रा योजना 2015 में लॉन्च किया गई थी। इस स्कीम की जानकारी mygovindia की वेबसाइट पर पोस्ट किए हुए एक वीडियो से प्राप्त कर सकते हैं।
mudya yojnaमुद्रा योजना पर किसको लोन मिल सकता है और किसको नहीं इसकी जानकारी वीडियो में एक इंटरनेट लिंक https://merisarkarmeredwar.in/ दिया गया है। तीन तरह के लोन का प्रावधान है इसमें। इस बारे में अधिक जानकारी www.mudra.org.in पर मिल जाएगी।

शिशु लोन – शिशु लोन के तहत 50,000 रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं।
किशोर लोन – किशोर कर्ज के तहत 50,000 से 5 लाख रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं।
तरुण लोन – तरुण कर्ज के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं।

क्या हैं जरूरी दस्तावेज-

1. आधार कार्ड
2. बिजनेस प्रस्ताव
3. निवास प्रमाण-पत्र
4. ताजा फोटो
5. खरीदने वाली मशीन और अन्य सामान की कोटेशन
6. सप्लायर का नाम और मशीन की कीमत
7. पहचान प्रमाण पत्र/ बिजनेस का पता
8. जाति प्रमाण पत्र (SC/ST/OBC के लिए)

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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