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आध्यात्म

आने वाली है 11 जुलाई इन दो राशियों के लिए होगी शुभकारी, मिलेगा अच्छा समाचार

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11 जुलाई को बहुत सी राशियों के लिए अच्छी खबर आने वाली है तो वहीं कुछ के लिए खराब भी रहेगा। ऐसे लोग जिनको काम करने का पूरा फल नहीं मिलता वो भी अपनी राशि के बारे में जान ले कि कहीं उनकी राशि खराब तो नहीं चल रही।

चलिए जानते हैं कि कौनसी हैं वो राशि जिनके लिए अच्छा होगा 11 जुलाई का दिन-

तुला राशि-
कई सुनहरे अवसर आपके काम आएंगे। वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा जीवनसाथी का प्यार और सहयोग मिलेगा। युवाओं को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। स्वास्थ्य में हल्की गिरावट को अनदेखा ना करें। वर्ना बाद मैं बड़ी परेशानी हो सकती है जिससे आर्थिक और शारीरिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

कर्क राशि-
समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। परिवार में सुख-समृद्धि रुपया पैसा लगातार बना रहेगा। कोशिश करें कि आपके द्वारा किए गए कार्य गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध हो आप की परिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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