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कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर केंद्र व राज्य में टकराव के हालात

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जम्मू। कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में जमीन देकर फिर से उनकी अलग कालोनी बसाने के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार में टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने गुरुवार को कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कालोनी बनाने के प्रस्ताव की खबरों को खारिज कर दिया। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र सरकार के इस वादे को हर कीमत पर पूरा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र ने अपने फैसले में कोई बदलाव नहीं किया है। कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कालोनी बनाए जाने के सरकार के प्रस्ताव पर विधानसभा में विपक्षी दल विपक्षी दल कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। मुफ्ती ने इसके जवाब में कहा कि हमारे पास विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कालोनी बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम उन्हें उनके घरों में वापसी कराना चाहते हैं और उन्हें उनके मुस्लिम पड़ोसियों के बीच इज्जत के साथ रखना चाहते हैं। गलत सूचना की वजह यह सोच बन रही है कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से जगह बनाई जाएगी। मुफ्ती ने कहा कि पूर्व की नेकां और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में विस्थापित पंडितों को 5,000 से 8,000 नौकरियां दी गई थीं। यह नौकरी उन्हें इस शर्त के साथ दी गई थी कि वे घाटी में ही सेवारत रहेंगे। उनके वापस आने का सम्मानजनक रास्ता यही है कि विस्थापित होने से पहले जहां वे रह रहे थे, उसी स्थान पर वापस आएं। सईद ने उन खबरों को भी खारिज किया, जिनके मुताबिक घाटी में पंडितों के लिए टॉउनशिप बनाने के उद्देश्य से सरकार 500 कनाल जगह का अधिग्रहण करने का विचार कर रही है। मुख्यमंत्री की सफाई के बीच सदन में विपक्षी विधायकों ने इस मुद्दे पर शोरगुल मचाया। गुरुवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र का अंतिम दिन है।

वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों को घाटी में दोबारा बसाने के अपने वादे को केंद्र सरकार जरूर पूरा करेगी। राजनाथ ने गुरुवार को कहा, “मैं इस संबंध में विस्तार से बात नहीं करना चाहता। केंद्र सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों को दोबारा से बसाने के फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया है।” इसी बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों को घाटी में दोबारा से सुरक्षा और गरिमा के साथ बसाना चाहिए। जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले जितेंद्र सिंह ने कहा कि सबसे दुखद बात यह है कि लोग कह रहे हैं कि कोई भी (कश्मीरी पंडित) वापस नहीं जाना चाहता। कोई भी वहां शरणार्थी के तौर पर नहीं रहना चाहता।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों से चर्चा करने के बाद इसका हल निकालना चाहिए। हम कोई और विवाद नहीं चाहते।”

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प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

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सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

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