नेशनल
नितिन गडकरी ने जाति को लेकर दिया ऐसा बयान जानकर चौंक जाएंगे आप!
नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आजकल अपने बयानों की वजह से चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जिसकी वजह से वह चर्चा के केंद्र में आ गए।
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक पुणे के पिंपड़ी चिंचवाड़ में पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता गडकरी आमंत्रित थे।
इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज को आर्थिक और सामाजिक समानता के आधार पर साथ लाना चाहिए। इसमें जातिवाद और सांप्रदायिकता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
नागपुर से सांसद गडकरी ने कहा, ‘हम जातिवाद में यकीन नहीं करते हैं। मुझे नहीं पता कि आपके यहां क्या है, लेकिन हमारे पांच जिलों में जातिवाद की कोई जगह नहीं है मैंने सभी को चेतावनी दी हुई है कि अगर कोई जाति की बात करेगा तो मैं उसकी पिटाई कर दूंगा।’
बहरहाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और गडकरी के ख़ास मित्र शरद पवार गडकरी द्वारा की गई टिपण्णी को लेकर काफी चिंतित हैं। शरद पवार ने कहा कि ‘गडकरी मेरे दोस्त हैं, हम लोगों ने साथ काम किया है गडकरी का नाम मोदी के विकल्प के रूप में पेश किया जा रहा है और यही कारण है कि मैं उनके लिए चिंतित हूं।’ हालांकि पवार ने इस बारे में और कुछ नहीं कहा।
Edited by: मानसी शुक्ला
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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