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प्रादेशिक

लखनऊ में 10 फरवरी को इस्कॉन मंदिर करेगा भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महा महोत्सव का आयोजन

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लखनऊ। वसंत पंचमी के पावनपर्व पर आगामी 10 फरवरी को लखनऊ के रविंद्रालय में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के लिए भक्त सुशांत गोल्फ सिटी स्थित श्री श्री राधारमण बिहारी मंदिर से बसों द्वारा 9:30 बजे से रविंद्रालय के लिए प्रस्थान करेंगे। इस रथ यात्रा का आयोजन भगवान श्री श्री राधारमण बिहारी जी को प्रसन्न करने के लिए हो रहा है ताकि भक्तों पर उनकी कृपा सदैव बनी रहे।
सभी कार्यक्रम व श्रीजगन्नाथ रथयात्रा का प्रारम्भ रविंद्रलाय चारबाग से होगा। 11:00 बजे  से 11:30 बजे तक हरिनाम संकीर्तन व 12:00 बजे से 12:30 परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज द्वारा प्रवचन होगा। इसके बाद 12:30 से 1:00 बजे तक मुख्य अतिथि व संरक्षक मण्डल द्वारा महाआरती होगी। इसके बाद रथयात्रा का शुभारम्भ होगा। भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा बाँसमण्डी चौराहे से होते हुए लाटूश रोड, हीवेट रोड, भानुमाति चौराहा, हुसैनगंज चौराहा, बर्लिगटन चौराहा, नूरमंजिल चौराहा, नावेल्टी सिनेमा चौराहा, हलवासिया चौराहा से शाहनजफ रोड होते हुए सहारागंज माल हजरतगंज पर विश्राम लेगी।
लखनऊ से बाहर (इस्कॉन कानपुर, इटावा, आगरा, वृन्दावन,इलाहाबाद) से आने वाले भक्तो के भोजन प्रसाद के पैकेट मोतीमहल में बसों में रखे मिल जाएंगे। बाहर से आये सभी अतिथिभक्त वही से सीधे अपने अपने स्थान को वापस चले जाएंगे। जबकि लखनऊ के सभी भक्त श्री श्री राधारमण बिहारी मंदिर सुशांत गोल्फ सिटी आ जाएंगे। सभी भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था शाम को 7:30 बजे से 8:30 बजे तक यहीं मंदिर में होगी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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