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उत्तर प्रदेश से अमित शाह ने भरी हुंकार, महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा-अगर ये सरकार आई…

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को उत्तर प्रदेश से चुनावी हुंकार भर दी है। शाह ने कानपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी ही देश को मजबूत सरकार दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि 2014 में भी विजय शंखनाद रैली की शुरूआत उत्तर प्रदेश से ही हुई थी और बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। उन्होंने कहा कि इस बार भी पीएम मोदी का रास्ता लखनऊ से ही होकर गुजरने वाला है।

कार्यक्रम के दौरान शाह ने राम मंदिर पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि मंदिर जल्द से जल्द बने उसके लिए भारतीय जनता पार्टी कटिबद्ध है लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। अमित शाह ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि अगर केंद्र में गठबंधन की सरकार आई तो हर हफ्ते प्रधानमंत्री बदलते रहेंगे।

शाह ने आगे कहा- सर्जिकल स्ट्राइक से हमारी सरकार ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। सभा में शाह सपा बसपा और कांग्रेस पर जमकर बरसे। यूपी का गठबंधन मोदी जी के खिलाफ है इससे पहले भी गठबंधन हुआ था। चाहे तो चारो दल गठबंधन करले लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे यह गठबंधन भ्रष्टाचार और जातिवाद का है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए शाह ने कहा राहुल बाबा पूछते हैं मोदी सरकार ने क्या-क्या किया है तो हम बता दें कि मोदी सरकार ने गंगा को निर्मल करने का काम किया है। उन्होंने कहा गठबंधन और महा गठबंधन का कोई पीएम प्रत्याशी नही है। यह सिर्फ बुआ, भतीजे, भाई और बहन का गठबंधन है।

उन्होंने कहा, इससे पहले यूपी की जनता ने सपा-बसपा का गुंडाराज देखा है।आज योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपराधियों को प्रदेश से पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया। यह सरकार कोई एक जाति की नही है यह सरकार सबकी है

इस बार भी चुनाव की शुरुवात कानपुर से बूथ सम्मेलन के साथ कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता के चलते सपा और बसपा का गठबंधन हुआ है। मुझे भरोसा है जब योगी के नेतृत्व में निकलेगे तो जीत पक्की है। मैं योगी को साधुवाद देता हूं कि यूपी को अपराध मुक्त बनाया है। आज अपराधी खुद गिरफ्तार होने के लिए घूम रहा है।

रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्य नाथ ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को कुम्भ में आने का निमंत्रण दिया है। सीएम योगी ने कहा भाजपा सरकार ने पौने दो साल में शहरी और ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना के तहत लोगों को आवास उपलब्ध करवाए हैं।

हमने 6 करोङ नागरिकों को 5 लाख स्वास्थ बीमा देने का काम किया है। केन्द्र सरकार ने घर-घर शौचालय दिए हैं। इतना ही नहीं बीजेपी की सरकार में 450 साल बाद कुंभ मे अक्षय वट के दर्शनों का सौभाग्य भक्तों को प्राप्त हुआ है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के बूथ अध्यक्ष सम्मेलन में कहा जब हम 2014 में बूथ मैनेजमेंट के तहत प्रचंड बहुमत मिला था।

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दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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