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राम मंदिर पर मोदी सरकार ने उठाया ऐसा कदम, जल्द मिल सकती है अच्छी खबर!

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नई दिल्ली। लोकसभा 2019 चुनाव से पहले केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है। सरकार ने अयोध्या में विवादित जमीन को छोड़कर बाकी की जमीन को राम जन्मभूमि को लौटाने की मांग की है। अर्जी में सरकार ने 67 एकड़ में से कुछ हिस्सा जिसपर विवाद नहीं है उसे वापस लौटाने का अनुरोध किया गया है।

यह 67 एकड़ जमीन 2.67 एकड़ विवादित जमीन के चारो तरफ स्थित है। मोदी सरकार के इस फैसले का हिंदूवादी संगठनों और विश्व हिंदू परिषद् ने स्वागत किया है।

आपको बता दें कि साल 1993 में केंद्र सरकार ने अयोध्या अधिग्रहण अधिनियम बनाकर विवादित भूमि और उसके आसपास की जमीन का अधिग्रहण किया था।

साथ ही इससे पहले से जमीन विवाद को लेकर दाखिल सभी याचिकाओं को खत्म कर दिया था। सरकार द्वारा बनाए गए इस अधिनियम को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। तब सुनवाई के दौरान अदालत ने 1994 में तमाम दावेदारी वाली अर्जियों को बहाल कर दिया था।

अदालत ने जमीन को केंद्र सरकार के पास रखने के लिए कहा था और यह निर्देश दिया था कि जिसके पक्ष में फैसला आएगा उसे ही जमीन दी जाएगी।

रामलला विराजमान तरफ से वकील ऑन रिकॉर्ड विष्णु जैन बताया था कि दोबारा कानून लाने पर कोई रोक नहीं है लेकिन उसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।

विवादित ढांचे के मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी का कहना था कि 1993 में जब अयोध्या अधिग्रहण अधिनियम लाया गया था तब उसे अदालत में चुनौती दी गई थी।

अदालत ने तब यह व्यवस्था दी थी कि अधिनियम लाकर अर्जियों को खत्म करना गैर संवैधानिक है। अर्जी पर पहले अदालत फैसला ले और तब तक जमीन केंद्र सरकार के संरक्षण में ही रहे। ताकि जिसके हक में अदालत फैसला सुनाती है सरकार जमीन को उसके सुपुर्द कर दे।

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हिमाचल कांग्रेस प्रभारी तजिंदर सिंह बिट्टू ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में हुए शामिल

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस प्रभारी और प्रियंका गांधी के करीबी तजिंदर सिंह बिट्टू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले सोशल मीडिया पर इस्तीफे की जानकारी देते हुए बिट्टू ने कहा कि भारी मन से 35 साल बाद मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।

इसके अलावा, चौधरी करमजीत कौर ने भी बीजेपी मुख्यालय पहुंच कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बता दें करमजीत कौर कांग्रेस के टिकट पर जालंधर से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, मौजूदा समय में वह कांग्रेस से नाराज बताई जा रही थीं।

जानकारी के लिए बता दें कि तेजिंदर सिंह बिट्टू ने शनिवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी नेता और एडवोकेट जयवीर शेरगिल से मुलाकात की थी। इसकी जानकारी खुद शेरगिल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा की थी। उन्होंने बिट्टू के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘तेजिंदर बिट्टू, पूर्व सचिव एआईसीसी, सह-प्रभारी हिमाचल प्रदेश से मिलना हमेशा खुश करता है। उनकी आगे की नई पारी के लिए शुभकामनाएं।’

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद से एक-एक करके कई सीनियर नेता पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले ज्यादातर नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इनमें अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ समेत कई नेता शामिल हैं।

 

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