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आध्यात्म

ये हैं भारत के अजीबोगरीब मंदिर, सभी एक से बढ़कर एक

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आज जिन मंदिरों के बारे में हम आपको बताने जा रहा है, उनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां लोगों ने इंसान से लेकर कुत्ते तक को अपना भगवान मना लिया और उनकी पूजा करनी शुरू कर दी। आइए जानते है उन अजीबोगरीब मंदिर के बारे में –

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हवाई जहाज गुरुद्वारा, पंजाब – पंजाब के इस गुरुद्वारे में लोग हवाई जहाज दान करते हैं। लोग विदेश जाने से पहले प्रार्थना मांगने आते हैं ताकि उनका वीजा अप्रूव हो जाए।

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सचिन तेंदुलकर का मंदिर, बिहार –  नेता मनोज तिवारी ने अपनी जमीन पर सचिन तेंदुलकर का मंदिर बनवाया था। लोग सचिन को क्रिकेट का भगवान मानते है। इस बात को मनोज तिवारी ने गंभीरता से ली है।

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मोटरसाइकिल का मंदिर, जोधपुर हाईवे – जोधपुर हाईवे पर बाइक सवार की मौत हो गई। पुलिस उसकी बाइक को थाने ले आई। लेकिन बाइक गायब हो गई। बाइक पुलिस को घटनास्थल पर मिली। तब गांव के लोगों ने उस एक्सीडेंट में मारे गए व्यक्ति की याद में एक मंदिर बनवाया। इस मंदिर में बाइक की पूजा की जाती है।

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अमिताभ बच्चन का मंदिर, कोलकाता –  साल 2012 में संजय पाटोदिया नाम के एक फैन ने ये मंदिर बनवाया था। दरअसल, वो खुद को फैन नही बल्कि अमिताभ का भक्त मानता है।

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सोनिया गांधी का मंदिर, तेलंगाना –  साल 2014 में तेलंगाना राज्य की स्थापना के वक्त कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने सोनिया गांधी जी की मूर्ति स्थापित करके एक मंदिर बनवाया था।

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रावण का मंदिर, मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश के एक गांव में रावण की पूजा की जाती है। यहां लोग रावण को भगवान की तरह मानते हैं और दशहरा भी नहीं मनाते।

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कुत्तो का मंदिर, कर्नाटक –  तेलंगाना में रहने वाले एक दंपति ने कुत्तों का एक मंदिर बनवाया है और यहां रोज पूजा भी की जाती है।

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ब्रह्मा बाबा टेंपल, जौनपुर – ब्रह्मा बाबा का मंदिर बड़ा ही अनोखा है लोग ब्रह्मा बाबा को खुश करने के लिए मंदिर में घड़ी दान करते हैं।

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गाटा लूप मंदिर, मनाली हाईवे – मनाली हाईवे पर एक ट्रक खराब हो गया। ट्रक के ड्राइवर का साथी प्यास से मर चुका था। इस घटना के बाद एक आत्मा लोगों से पानी मांगती थी। फिर वहां के लोगों ने प्यास से मारे गए उस व्यक्ति की याद में एक मंदिर बनवाया। यहां लोग पानी की बोतल दान करते हैं।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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