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आध्यात्म

19 को बन रहा है राजयोग, पलट जाएगी इन राशि के लोगों की किस्मत

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19 सितंबर यानी आज के दिन ऐसा राजयोग बना रहा है कि कुछ राशियों की किस्मत बदलने वाली है। मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि आपके उपर निरंतर बनी रहेगी। आइए जानते है उन राशियों के बारे में

वृश्चिक राशि – व्यापार और नौकरी के क्षेत्र में आपको लाभ ही लाभ होगा। आने वाले दिनों में आप दिन दुगनी और रात चौगुनी तरक्की करते नजर आएंगे।

तुला राशि – नया कार्य शुरु करने का यह बढ़िया समय है। घर परिवार से सहयोग मिलेगा। व्यापारी गतिविधि में रहने वालों को व्यापार में बड़ा मुनाफा हो सकता है।

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सिंह राशि – धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा से आपके काफी वर्षों से रुके हुए कार्य सफलतापूर्वक बनेंगे। आपके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का अंत होगा।

मेष राशि – आपको नए अवसर मिलेंगे जो आपको तरक्की की तरफ बढ़ाएंगे। इस योग के बनने के बाद आप नए लोगों से मुलाकात करेंगे जो आपको सही दिशा दिखाएंगे।

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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